JNCU MA Political Science 1st Semester राजनीतिक आधुनिकीकरण Question Paper

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प्रश्न 1- राजनीतिक आधुनिकीकरण का अर्थ, उसकी परिभाषा अथवा राजनीतिक आधुनिकीकरण की अवधारणा।

राजनीतिक आधुनिकीकरण आधुनिक राजनीतिशास्त्र अथवा राजनीतिक समाजशास्त्र का एक महत्त्वपूर्ण विषय है। तुलनात्मक राजनीति में इसे राजनीतिक व्यवहार के व्यापक विश्लेषण के एक उपागम के रूप में भी लिया गया है। इसे उपागम के रूप में लेने वालों का मानना है कि इससे राजनीतिक प्रक्रियाओं की वास्तविकता तक पहुँचना सम्भव होगा। कतिपय विचारकों का मत है कि राजनीतिक व्यवस्थाओं का विकास के बजाय आधुनिकीकरण के परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। इन लोगों की मान्यता है कि राजनीतिक विकास राजनीतिक आधुनिकीकरण की प्रक्रिया का परिणाम है तथा राजनीतिक आधुनिकीकरण समाज की प्रक्रिया की देन के रूप में है।

निम्न तीन तथ्य किसी भी राजनीतिक संस्कृति के मुख्य तत्त्व होते हैं

  • ऐतिहासिक तत्त्व- विश्व के अनेक देशों की राजनीतिक व्यवस्था की स्थिरता व अस्थिरता के अनेकों प्रमाण इतिहास में मिलते हैं।
  • राजनीतिक व्यवस्था की स्थिरता अथवा अस्थिरता उस देश की राजनीतिक संस्कृति का आधार होती है।
  • नागरिकों के राजनीतिक विचार व मूल्य राजनीतिक व्यवस्था की स्थिति को देखकर ही बनते हैं।
  • इंग्लैण्ड की स्थिर राजनीतिक संस्कृति का एक प्रमुख कारण वहाँ पुराने मूल्यों तथा आधुनिकता का अनूठा सम्मिश्रण है।
  • इसके विपरीत फ्रांस में अस्थिर राजनीतिक संस्कृति वहाँ की अस्थिर तथा युद्ध पर आधारित राजनीतिक व्यवस्था का परिणाम है।
  • एडमण्ड बर्क ने राजनीतिक संस्कृति के निर्माण में फ्रांस की क्रान्ति के प्रभाव को दर्शाया है।

राजनीतिक आधुनिकीकरण का अर्थ

समाजों में सामाजिक संचालन और आर्थिक विकास के फलस्वरूप होने वाले राजनीतिक परिवर्तनों को सामान्यतया राजनीतिक आधुनिकीकरण का नाम दिया जाता है। कोलमैन के अनुसार, ‘राजनीतिक आधुनिकीकरण संक्रान्तिकालीन समाजों की राजनीतिक व्यवस्थाओं में होने वाले संरचनात्मक तथा सांस्कृतिक परिवर्तनों का समूह है। राजनीतिक आधुनिकीकरण का सम्बन्ध ऐसी राजनीतिक व्यवस्था के विकास से है जो इतनी लचीली हो कि वह हर प्रकार की माँग की पूर्ति का अवसर प्रदान कर सके, परन्तु उसमें इतनी शक्ति

प्रश्न 2- राजनीतिक संस्कृति के मुख्य तत्त्व 

2. भौगोलिक तत्त्व- किसी देश की भौगोलिक दशा वहाँ की राजनीतिक संस्कृति के निर्माण में अपनी विशेष भूमिका रखता है। ब्रिटिश द्वीपों के कारण इंग्लैण्ड बाह्य आक्रमणों से सदैव सुरक्षित रहा तथा बाह्य विदेशी जातियाँ इंग्लैण्ड में प्रवेश नहीं पा सकीं, अन्यथा इंग्लैण्ड की संस्कृति में जाति व वंश विभिन्नताओं की समस्या उत्पन्न हो सकती है। पश्चिमी जर्मनी के द्वारा पूर्वी जर्मनी को पृथक् मान्यता राजनीतिक भौगोलिक स्थिति के कारण ही देनी पड़ी। सामाजिक आर्थिक कारण-बाल (A. R. Ball) के अनुसार एक औद्योगिक समाज अधिक जटिल समाज होता है। यहाँ संचार माध्यम अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तीव्र होते हैं। शिक्षा का स्तर उच्च होता है। समुदाय बड़े होते हैं तथा आवश्यकतावश जन सहभागिता अपेक्षाकृत अधिक होती है। विज्ञान तथा तकनीकी के विकास ने उद्योगों तथा कृषि को क्रान्तिकारी रूप से प्रभावित किया है। MA political science यह सभी परिवर्तन तथा विकास किसी देश के राजनीतिक मूल्य, राजनीतिक संस्कृति को एक नयी दिशा तथा नया स्वरूप प्रदान करते हैं।

प्रश्न 3- राजनीतिक आधुनिकीकरण के अभिकरण ।

उत्तर – मोटे रूप में आधुनिकीकरण के प्रमुख अभिकरण इस प्रकार हैं

1. राजनीतिक आधुनिकीकरण का प्रमुख अभिकरण अभिजन और बुद्धिजीवी वर्ग होता है।

2. राजनीतिक दल राजनीतिक आधुनिकीकरण के प्रमुख उपकरण होते हैं।

3. सरकारों के तत्त्वावधान में ही आधुनिकीकरण की सारी गतिविधियाँ संचालित होती हैं।

बुद्धिजीवियों द्वारा राजनीतिक व्यवस्थाओं के साध्यों, गन्तव्यों और उद्देश्यों के विकल्प सुझाये जाते हैं। इन्हीं विकल्पों में से कुछ का चयन कर राजनीतिक शक्ति को संरचनात्मक रूप दिया जाता है। अभिजन इस संरचनात्मक व्यवस्थाओं सम्बन्धित प्रक्रियाओं के कार्मिक होते हैं। इनकी विचारधारा और विशेष प्रकार की मान्यताएँ आधुनिकीकरण का परिप्रेक्ष्य तैयार करती हैं। इन्हीं द्वारा राजनीतिक आधुनिकीकरण की क्रियाएँ सक्रिय या शिथिल बनती हैं। राजनीतिक दल भी राजनीतिक आधुनिकीकरण के प्रमुख उपकरण हैं। लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में इनकी भूमिका सर्वविदित है। सर्वाधिकारी शासनों में तो एकाधिकारवादी राजनीतिक दल ही राजनीतीकरण का प्रेरक रहता है।

Name Of Collage Jncu (Jannayak University)
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JNCU Previous Question Paper jncu political science राजनीतिक आधुनिकीकरण

प्रश्न 4 अथवा विकेन्द्रीकरण । लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण ।

उत्तर – विकेन्द्रीकरण का अभिप्रायः शासकीय इकाई को छोटी इकाइयों में विभाजित कर उन्हें कुछ अधिकार तथा दायित्व सौंपने से है। ये अधिकार और दायित्व इस दृष्टि से सीमित होते हैं के प्रत्येक नीचे के स्तर वाली संस्था पर ऊपर के स्तर वाली संस्था का नियन्त्रण रहता है। इन सभी संस्थओं पर अन्तिम नियन्त्रण रहता है। इन सभी संस्थाओं पर अन्तिम नियन्त्रण राज्य सरकार का हता है। MA political science Question 

JNCU MA Political Science 1st Semester राजनीतिक व्यवस्था का आशय

विकेन्द्रीकरण में स्थानीय संस्थाओं और इनसे सम्बद्ध व्यक्तियों को अपनी बुद्धि और विवेक को पूर्णत काम में लेने का अवसर दिया जाता है। इन्हें ही अपने क्षेत्र के विकास हेतु योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने का कार्य सौंपा जाता है। जब हम लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण की अवधारण पर विचार करते हैं तो पाते हैं कि बलवन्तराय मेहता ने अपने प्रतिवेदन में सर्वप्रथम इसका उल्लेख किया है। आपने लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण पर प्रस्तुत अपने प्रतिवेदन में पंचायती आज के दर्शन और अवधारणा को विकसित किया है। आपने पंचायती राज के आधार के रूप में लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण को महत्त्व दिया है। इसके अन्तर्गत आपने ग्राम स्तर पर पंचायतों, खण्ड स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद की स्थापना का सुझाव दिया है। इनमें से प्रत्येक से कुछ विशिष्ट कार्यों को सम्पन्न करने की अपेक्षा की गयी है। इसी व्यव्था को तीनतरीय व्यवस्था (Three-tier system) के नाम से पुकारा गया है। इस व्यवस्था के माध्यम विकास कार्य के ‘लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण की सिफारिश की गयी है।’

 

 

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