तुलनात्मक राजनीति से क्या समझते हैं ? तुलनात्मक राजनीति की परिभाषा । अथवा तुलनात्मक राजनीति का अर्थ ।
तुलनात्मक राजनीति का वर्तमान स्वरूप, राजनीति विज्ञान की बढ़ती हुई वैज्ञानिक प्रवृत्ति का परिणाम है। ‘तुलनात्मक राजनीति’ से यह अर्थ नहीं लिया जाना चाहिए कि किन्हीं दो देशों या सरकारों की राजनीति की तुलना की जानी है अथवा कुछ देशों के संविधानों का तुलनात्मक अध्ययन करना है। इस शब्दावली का एक गहन अर्थ है जिसे राजनीतिशास्त्रियों के पारिभाषिक शब्दों से समझ सकते हैं और फिर व्याख्या द्वारा ।
राजनीतिशास्त्रियों के पारिभाषिक शब्दों
- एडवर्ड ए. फ्रीमैन के अनुसार, “तुलनात्मक राजनीति का अभिप्राय राजनीतिक संस्थानों
- एवं सरकारों के विविध प्रकारों का एक तुलनात्मक विवेचन और विश्लेषण है।”
- एम. कर्टिस का मत है कि, “तुलनात्मक राजनीति, राजनीतिक संस्थाओं की कार्यविधि एवं राजनीतिक व्यवहार की महत्त्वपूर्ण निरन्तरताओं, समानताओं और असमानताओं का तुलनात्मक विश्लेषण करती है।”
- आर. ब्रायबन्ती के अनुसार, “तुलनात्मक राजनीति सामाजिक व्यवस्था में उन तत्त्वों की पहचान तथा व्याख्या है जो राजनीतिक कार्यों एवं उनके संस्थागत प्रकाशन को प्रभावित करते हैं। “
Name Of Collage | Jncu (Jannayak University) |
Exam Pattern | Offline exam |
Previous Question Paper | MA 1st Sem (Political Science) तुलनात्मक राजनीति |
प्रश्न 2. तुलनात्मक शासन बनाम तुलनात्मक राजनीति ।
तुलनात्मक राजनीति एवं तुलनात्मक सरकारें (शासन)
प्रायः तुलनात्मक राजनीति’ (Comparative Politics) तथा ‘तुलनात्मक सरकार’ (Comparative Government) शब्दों का प्रयोग परस्पर एक दूसरे के लिए किया जाता है जबकि दोनों ‘एक’ नहीं हैं। दोनों में अन्तर है। इस अन्तर को स्पष्ट करते हुए जी. के. राबर्ट्स ने लिखा है कि “तुलनात्मक सरकार’ का प्रयोग राज्यों, उनकी संस्थाओं और उनके कार्यों से सम्बद्ध कुछ समूहों (राजनीतिक दल, दबाव समूह आदि) के अध्ययन हेतु उपयुक्त लगता है जबकि ‘तुलनात्मक राजनीति’ शब्दावली एक अधिक व्यापक परिप्रेक्ष्य को लिए हुए है जिसमें तुलनात्मक शासन तथा गैर-राज्यीय राजनीति (कबीले, निजी संस्थाएँ आदि) का भी समावेश किया जाता है। जीन ब्लोण्डेल ने राबर्ट्स के मंतव्य से सहमत होते हुए लिखा है”तुलनात्मक सरकार समकालीन विश्व में राष्ट्रीय सरकारों के प्रतिमानों का अध्ययन है।”
अतः स्पष्ट है कि “तुलनात्मक सरकार (Comparative Government) के अन्तर्गत विभिन्न राजनीतिक व्यवस्थाओं, उनकी संस्थाओं और कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन होता है, वहाँ तुलनात्मक राजनीति (Comparative Politics) के अन्तर्गत उपरोक्त बातों के साथ ही दूसरे उन सभी विषयों का भी अध्ययन होता है, जिन्हें हम ‘गैर-राज्यीय राजनीति के अध्ययन” की संज्ञा दे सकते हैं।”
- तुलनात्मक सरकार में व्यवस्थापिका, न्यायपालिका, नौकरशाही आदि औपचारिक राजनैतिक संस्थाओं का अध्ययन किया जाता है लेकिन तुलनात्मक राजनीति में उन कारकों का भी किया जाता है जो राजनीतिक संस्थाओं को प्रभावित करते हैं अर्थात् अनौपचारिक राजनैतिक संस्थाएँ भी इसका अध्ययन विषय है।
- तुलनात्मक सरकार के अध्ययन में पाश्चात्य प्रजातान्त्रिक देशों की संस्थाओं को शामिल जाता है जबकि तुलनात्मक राजनीति में विश्व के सभी देशों की राजनीतिक संस्थाएँ शामिल की जाती हैं।
- तुलनात्मक सरकार में राजनीतिक संस्थाओं का अध्ययन केवल औपचारिक तथा संविधान के अनुसार वर्णनात्मक प्रकृति का होता है, जबकि तुलनात्मक राजनीति में विभिन्न राजनीतिक संस्थाओं का व्याख्यात्मक, विश्लेषणात्मक अध्ययन किया जाता है।
- तुलनात्मक सरकार में राजनीतिक संस्थाओं की केवल राजनीतिक गतिविधियों से सम्बन्ध रहता है जबकि तुलनात्मक राजनीति में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक तत्त्वों का भी महत्त्व है। इसका दृष्टिकोण अन्तः अनुशासनात्मक है।
- तुलनात्मक राजनीति की प्रकृति । तुलनात्मक राजनीति का स्वरूप। तुलनात्मक राजनीति Previous Question Paper
तुलनात्मक राजनीति की प्रकृति
तुलनात्मक राजनीति की प्रकृति के सम्बन्ध में मुख्य रूप से दो विचारधारायें हैं1. तुलनात्मक राजनीति ऊर्ध्वाधर तुलना है 2. तुलनात्मक राजनीति क्षैतिज तुलना है 1. तुलनात्मक राजनीति ऊर्ध्वाधर तुलना है-इस विचारधारा के अनुसार तुलनात्मक राजनीति एक ही देश में स्थित विभिन्न स्तरों पर सरकारों व उनको प्रभावित करने वाले राजनीतिक व्यवहारों का तुलनात्मक विश्लेषण व अध्ययन है। इसके अनुसार मुख्य रूप से सरकारें दो प्रकार की होती हैं
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(क) राष्ट्रीय सरकार। (ख) स्थानीय सरकार ।
इस प्रकार इस विचारधारा के अनुसार तुलनात्मक राजनीति का सम्बन्ध एक ही देश में -राष्ट्रीय सरकार तथा स्थानीय सरकार की परस्पर तुलना से है। इसके अनुसार एक देश में राष्ट्रीय सरकार तो केवल एक होती है, परन्तु स्थानीय सरकारें अनेक होती हैं। इसलिये इनसे सम्बन्धित राजनीतिक प्रक्रियाओं व संस्थाओं की तुलना करके निश्चित निष्कर्ष निकाला जा सकता है। संक्षेप में कहा जा सकता है कि एक ही राज्य में विभिन्न स्तरों की विविध सरकारों की तुलना ऊर्ध्वाधर तुलना’ है और तुलनात्मक राजनीति इन्हीं की पारस्परिक तुलना करने से सम्बद्ध शास्त्र है। 2. तुलनात्मक राजनीति क्षैतिज तुलना है- यह विचारधारा तुलनात्मक राजनीति के श्यों की पूर्ति करती है तथा इससे सामान्यीकरण सम्भव होते हैं जिससे प्रत्येक सामान्य व विचित्र राजनीतिक व्यवहार को समझा व विश्लेषित किया जा सकता है। इसलिये यह विचारधारा तुलनात्मक राजनीति की सही प्रकृति का चित्रण करती हुई प्रतीत होती है। इसके अनुसार तुलना की स्थिति दो हो सकती है (एक ही देश में विद्यमान राष्ट्रीय सरकारों की तुलना होनी चाहिये। इस प्रकार की तुलना से अ) एक ही देश की विभिन्न कालों की राष्ट्रीय सरकारों की तुलना-इसके अनुसार
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